यदि आप एक Student है या Computer application से संबंधित विषय के बारे मे पढ रहे है तो आपको Computer fundamental के बारे जानना की जरूरत सबसे पहले होती है। जैसा की आप जानते है की कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो यूज़र से इनपूट के रूप मे डाटा लेता है ओर उन्हे प्रोसेस कर उसका आऊटपूट कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिखाता है। अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है, तो भी आपको Computer के Fundamental के बारे मे पढना जरूरी होता है, इस टॉपिक के बारे मे समझने के लिए आप इस लेख को अन्त तक पढे आप आसानी से इस टॉपिक समझ सके।
Computer Fundamental की संक्षिप्त जानकारी
आज के समय के कम्प्यूटर उपयोग हर क्षेत्र मे किया जाता है, फिर व चाहे प्रत्यक्ष रूप से हो या अप्रत्यक्ष रूप से। हम बिना कम्प्यूटर के बिना एक अच्छी टेक्नोलॉजी की कल्पना नही कर सकते है। कम्प्यूटर फन्डामेंटल को समझने से पहले हमे कम्प्यूटर के बारे मे समझना होगा जो की आपको मदद करेगा कम्प्यूटर फन्डामेंटल को समझने मे।
Computer क्या है ( Computer Kya Hai )
कम्प्यूटर को परिभाषित करना काफी आसान है, कम्प्यूटर एक Electronic Device है जो यूज़र के डाटा इनपूट के रूप मे लेता है ओर उसे प्रोसेस कर उसका आऊटपूट यूज़र को कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिखाता है। एक कम्प्यूटर बिना उसके हार्डवेयर व साफ्टवेयर के बिना कुछ भी नही है। कम्प्यूटर के 2 मुख्य भाग होते है जिन्हे हम साफ्टवेयर व हार्डवेयर के रूप मे बांटते है। बिना हार्डवेयर के आप कम्प्यूटर मे साफ्टवेयर को नही चला सकते वही एक सॉफ्टवेयर्स के बिना आप किसी हार्डवेयर को मैंटेन नही कर सकते है।
Computer Fundamental in hindi
कम्प्यूटर का मुख्य कार्य होता है यूजर से डाटा प्राप्त करना व उस डाटा का आऊटपुट देना।
Computer —> Intest ( Input ) —> Process —> Output
Input : कम्प्यूटर मे कि बोर्ड से आप कुछ भी टाइप करते है तो वो कम्प्यूटर मे इनपूट होता है। उसी प्रक्रिया को इनपूट कहते है। कम्प्यूटर मे इनपूट के उदाहरण के तौर आप ऐसे समझ सकते है की जैसे आप कोई डाटा इनपूट करते है या कोई फोटो या डॉक्युमेंट्स को स्केन कर कम्प्यूटर मे सेव करते है उसे इनपूट कहा जाता है।
Output : कम्प्यूटर से अगर आप कोई प्रिंट निकालते है या आपकी कम्प्यूटर स्क्रीन पर आपको जो भी दिखाई देता है वो सब आऊटपुट मे आता है। आऊटपूट के उदाहरण की बात करे तो इसमे प्रिंन्टर, स्पीकर मुख्य है तो किसी डॉक्युमेंट्स या आवाज़ को कम्प्यूटर मे बाहर हमे प्रदान करते है। एक आऊटपूट डिवाइस इनपूट डिवाइस के आधार पर ही कार्य करता है।
Processing : कम्प्यूटर मे आप इनपूट डिवाइस के माध्यम से जो भी इन्सर्ट करते है ओर आऊटपूट डिवाइस के माध्यम से जो भी आऊटपूट हमे स्क्रीन के माध्यम से मिलता है उसके मध्य की प्रक्रिया को Processing कहते है।
Storage : कम्प्यूटर मे आप किसी भी प्रकार का डाटा या कोई डाॅक्यूमेंट को Save या Store करते है उस प्रक्रिया को ही Storage की प्रक्रिया कहते है। कम्प्यूटर मे डाटा दो प्रकार मे स्टोरेज किया जा सकता है जिसमे पहला Permanent ओर दूसरा Tempraory, अगर कोई डाटा हार्डडिस्क मे सेव होता है तो वह डाटा प्रर्मानेंट सेव किया जा सकता है अगर कोई डाटा Ram मे सेव होता है तो वह डाटा टेम्परेरी ही सेव होता है जो कम्प्यूटर के बंद होने के बाद स्वतः नष्ट हो जाता है।
कम्प्यूटर के लक्षण
अगर हम Computer Fundamental की बात करे तो इसमे यह भी शामिल है की एक कम्प्यूटर के क्या – क्या लक्षण होते है यानि कम्प्यूटर के क्या क्या गुण होते है।
- Automatic : जैसा की हम सब जानते है की कम्प्यूटर एक Automatic Machine है। कम्प्यूटर मे जो भी कार्य होते है उससे एक फायदा तो यह भी है इसमे सब कार्य Automatic होते है। कम्प्यूटर अपना काम बिना किसी मनुष्य के Interfere के करता है।
- Accuracy : कम्प्यूटर द्वारा जो भी कार्य किया जाता है वो बिना किसी हस्तक्षेप किया जा सकता है, ठीक उसी प्रकार कम्प्यूटर पर जो भी कार्य होते है वो भी एकदम सटीक होते है। उसमे किसी भी प्रकार की गलती निकालना मुश्किल होता है।
- Speed : कम्प्यूटर के कार्य मे काफी गति भी होती है। जो कार्य करने मे आप पूरा दिन लगाते है उसी कार्य का कम्प्यूटर सैकेण्डो मे कर सकता है। कम्प्यूटर की स्पीड इतनी तेज होती है किसे मापना मुश्किल सा हो जाता है।
- Versatility : कम्प्यूटर की गति जितनी तेज है उससे ही कई ज्यादा तेज है इसकी कार्य की क्षमता यह कुछ सैकेण्ड मे ही बिल बना सकता है वही अगले कुछ क्षणों मे ही यह स्कूल के परिणाम को भी तैयार कर सकता है।
- Power of remembering : कम्प्यूटर की याद रखने की क्षमता इतनी तेज होती है की यह आपको बता यहा तक बता सकता है की आपने पिछले साल या इससे पहले किस फाइल को कितनी बार एडिट किया था।
Computer Fundamental से जुडी कुछ Full Forms
आप अगर कम्प्यूटर के फंडामेंटल के बारे मे पढ रहे है तो आपको इससे जुडी कुछ Full forms के बारे मे भी समझना चाहिए जो निम्न प्रकार है।
- Computer = Commonly Operated Machine Particularly Used in Technical and Educational Research
- CPU = Central Processing Unit
- RAM = Random Access Memory
- ROM = Read Only Memory
- PROM = Programmable Read Only Memory
- EPROM = Erasable PROM
- EEPROM = Electrically EPROM
- HDD = Hard Disk Drive
- FDD = Floppy Disk Drive
- CD = Compact Disk
- DVD = Digital Video Disk
- SMPS = Switch Mode Power Supply
- USB = Universal Serial Bus
- LAN = Local Area Network
- WAN = Wide Area Network
- MAN = Metropolitan Area Network
- PDF – Portable Document Format
- GUI – Graphical User Interface.
- HTTP – Hyper Text Transfer Protocol.
- IP – Internet Protocol.
- ISP – Internet Service Provider
Computer के Hardware
कम्प्यूटर मे हार्डवेयर कम्प्यूटर मे काफी अहम रोल निभाते है कम्प्यूटर के कुछ हार्डवेयर निम्न है। कम्प्यूटर मे हार्डवेयर कम्प्यूटर मे काफी अहम रोल निभाते है कम्प्यूटर के कुछ हार्डवेयर निम्न है।
- सीपीयू ( CPU ) – यह कम्प्यूटर का एक मुख्य पार्ट होता है जिसे कम्प्यूटर का दिमाग भी कहते है। सीपीयू का पुरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होता है। सीपीयू के बिना कम्प्यूटर को स्र्टाट भी नही किया जा सकता है। सीपीयू मे भी कुछ अन्य हार्डवेयर होते है जो इस प्रकार है जिसमे रैम, रोम, मदर बोर्ड, प्रोसेसर इत्यादि होते है।
- मॉनिटर ( Moniter ) – कम्प्यूटर के इस आऊटपुट डिवाइस को कम्प्यूटर की आँख भी कहा जाता है। मॉनिटर मे वो सब दिखाई देता है जो कार्य आप कम्प्यूटर मे करते है। मॉनिटर भी एक महत्वपूर्ण पार्ट है कम्प्यूटर का।
- किबोर्ड – किबोर्ड का उपयोग कम्प्यूटर मे डाटा टाइप करने के लिए काम मे आता है। अगर आपको कम्प्यूटर मे नाम टाइप करना हो या कोई नम्बर आपको उसके लिए कि बोर्ड की आवश्यकता होती है।
- माउस – माउस को कम्प्यूटर का हाथ भी कहा जाता है। इसका उपयोग कम्प्यूटर मे फंक्शन को आसानी से मैनेज करने के लिए होता है।
- प्रिंटर – कम्प्यूटर मे से अगर आपको कुछ भी प्रिंट करना हो या कोई हार्ड कॉपी लेने चाहते है तो उसके लिए आपको प्रिंटर की आवश्यकता होती है। प्रिंटर दो प्रकार के होते है एक कलर ओर दूसरा सामान्य ब्लैक एंड व्हाइट।
- स्कैनर – अगर आपको कम्प्यूटर मे किसी बाहरी फोटो ओर डॉक्युमेंट्स को स्केन करना हो तो आपको उसके लिए एक स्कैनर की आवश्यकता होती है। स्कैनर से आप फोटो, डॉक्युमेंट्स इत्यादि स्केन कर सकते है।
- स्पीकर – कई बार आपको कम्प्यूटर पर काम करने के साथ गाने सुनने का भी मन करता है उसके लिए आपको एक स्पीकर की आवश्यकता होती है।
सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में अंतर (Difference between hardware and software)
- Software को केवल देखा जा सकता है जबकि Hardware को देखा व छुआ दोनों जा सकता है.
- Software Computer programming के द्वारा बनती है जबकि Hardware प्लास्टिक, लोहे, ताबें आदि के प्रयोग से बनता है.
- Software के प्रकार होते हैं: System software, application software, utility software etc. जबकि hardware के प्रकार होते हैं: Mouse, Monitor, CPU, कीबोर्ड आदि.
- Example of software : Antivirus, Disk cleaner, Windows defender, Microsoft office, VLC media player, Chrome browser, Adobe Photoshop, Disk manager, Windows, Linux, MacOS, MS DOS, Android, आदि. Hardware के example : कीबोर्ड, Mouse, मॉनिटर, हार्ड डिस्क, प्रोसेसर, कैमरा, मेमोरी, ग्राफ़िक्स कार्ड, मदर बोर्ड, कैबिनेट इत्यादि।
कंप्यूटर की विशेषताएँ
- यह Speed से काम करता है मतलब Time की बचत होती है।
- Computer बिना त्रुटि के सभी काम करता है। यह कार्य पूरा करने में कोई Mistakes नहीं करता है।
- यह Permanent और Large Storage Capacity की सुविधा देता है।
- Computer एक साथ विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकता हैं। वे एक ही Time में कई कार्य कर सकता हैं।
- आप Login System, पासवर्ड सुरक्षा और Encrypt के साथ अपनी Confidantel information को सुरक्षित रख सकते हैं।
कंप्यूटर कितने प्रकार (Types of Computer in Hindi)
Computer कई प्रकार के होते हैं। कोई Computer इतना छोटा है कि आपकी हथेली में आ जाए, तो कोई इतना बड़ा है कि एक इमारत के कई Room के स्थान को घेर लेता है। आपके घर में जिस Computer का उपयोग होता है वह भी एक प्रकार का Computer है, जिसे आमतौर पर Micro Computer या Personal Computer (PC) के रूप में जाना जाता है। Computer Size और type की तुलना में एक दूसरे से पूरी तरह से differante है। इसलिये Computer के प्रकार को वर्गीकृत करना Difficult है, लेकिन हम Data processing की गति, आकार और अनु प्रयोगों के आधार पर वर्गीकरण कर रहे हैं। मुख्य रूप से Computer निम्न प्रकार के होते हैं।
आकार के आधार पर
- माइक्रो कंप्यूटर (Microcomputer)
- मिनी कॉम्पुटर (Minicomputer)
- मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
- सुपर कंप्यूटर (Supercomputer)
अनुप्रयोग के आधार पर
- एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
- डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
- हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)
Also Read:
- What is Operating System In Hindi – ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है
- Computer Ka Full Form Kya Hai – Full Form of Computer in Hindi
- Wireless Application Protocol in Hindi – WAP प्रोटोकॉल क्या है
निष्कर्ष :-
Computer foundamental in hindi के इस लेख मे हमने उन सभी प्रकार के टाॅपिक्स को कवर करने की कोशिश की हो जो कम्प्यूटर की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो यूज़र के डाटा इनपूट के रूप मे लेता है ओर उसे प्रोसेस कर उसका आऊटपूट यूज़र को कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिखाता है। एक कम्प्यूटर बिना उसके हार्डवेयर व साफ्टवेयर के बिना कुछ भी नही है। कम्प्यूटर के 2 मुख्य भाग होते है जिन्हे हम साफ्टवेयर व हार्डवेयर के रूप मे बांटते है। इस लेख को स्टूडेंट को ध्यान मे रख कर बनाया गया है उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा।
FAQ
प्रश्न 1 – कम्प्यूटर क्या है ?
उत्तर – कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो यूज़र के डाटा इनपूट के रूप मे लेता है ओर उसे प्रोसेस कर उसका आऊटपूट यूज़र को कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिखाता है।
प्रश्न 2 – Computer का पूरा नाम क्या है?
उत्तर – Computer का पूरा नाम Commonly Operated Machine Particularly Used in Technical and Educational Research है।
प्रश्न 3 – कम्प्यूटर मे आउटपूट ओर इनपूट क्या है?
उत्तर – Input : कम्प्यूटर मे कि बोर्ड से आप कुछ भी टाइप करते है तो वो कम्प्यूटर मे इनपूट होता है। उसी प्रक्रिया को इनपूट कहते है। कम्प्यूटर मे इनपूट के उदाहरण के तौर आप ऐसे समझ सकते है की जैसे आप कोई डाटा इनपूट करते है या कोई फोटो या डॉक्युमेंट्स को स्केन कर कम्प्यूटर मे सेव करते है उसे इनपूट कहा जाता है। Output : कम्प्यूटर से अगर आप कोई प्रिंट निकालते है या आपकी कम्प्यूटर स्क्रीन पर आपको जो भी दिखाई देता है वो सब आऊटपुट मे आता है। आऊटपूट के उदाहरण की बात करे तो इसमे प्रिंन्टर, स्पीकर मुख्य है तो किसी डॉक्युमेंट्स या आवाज़ को कम्प्यूटर मे बाहर हमे प्रदान करते है। एक आऊटपूट डिवाइस इनपूट डिवाइस के आधार पर ही कार्य करता है।
प्रश्न 4 – कम्प्यूटर कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर – आपके घर में जिस Computer का उपयोग होता है वह भी एक प्रकार का Computer है, जिसे आमतौर पर Micro Computer या Personal Computer (PC) के रूप में जाना जाता है। Computer Size और type की तुलना में एक दूसरे से पूरी तरह से differante है।
प्रश्न 5 – कम्प्यूटर मे Storage क्या होता है ?
उत्तर – कम्प्यूटर मे आप किसी भी प्रकार का डाटा या कोई डॉक्युमेंट्स को Save या Store करते है उस प्रक्रिया को ही Storage की प्रक्रिया कहते है। कम्प्यूटर मे डाटा दो प्रकार मे स्टोरेज किया जा सकता है जिसमे पहला Permanent ओर दूसरा Tempraory, अगर कोई डाटा हार्डडिस्क मे सेव होता है तो वह डाटा प्रर्मानेंट सेव किया जा सकता है अगर कोई डाटा Ram मे सेव होता है तो वह डाटा टेम्परेरी ही सेव होता है जो कम्प्यूटर के बंद होने के बाद स्वतः नष्ट हो जाता है।
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