आज कंप्यूटर हमारे जीवन में अहम भूमिका निभा रहा है, कभी-कभी हम सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की अगर कंप्यूटर ना होता तो हमारा क्या होता है। लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए की कंप्यूटर भी अनेक पीढ़ियों से गुजरा है तब जाकर यह एक परफेक्ट कंप्यूटर बन पाया है। हालांकि आज भी कंप्यूटर में लगातर बदलाव होते जा रहे हैं। आज का यह हमारा आर्टिकल generation of computer in Hindi में हैं हैं। यहाँ हम कंप्यूटर की जनरेशन (पीढ़ियों) के बारें में बात करेंगे। ताकि आपको कंप्यूटर से जुड़ी सभी जानकारी आसानी से Hindi भाषा में मिल पाए। यदि आप कंप्यूटर से जुड़ी अन्य जानकारी जानना चाहते है तो हमारी वेबसाइट के अन्य आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।
Generation of Computer In Hindi – (कंप्यूटर की पीढियां)
वर्तमान समय में कंप्यूटर अनेक कार्यों को करने में सक्षम है, लगतार कंप्यूटर की तकनीक का विकास हो रहा है। लेकिन ऐसा संभव होने में कंप्यूटर ने अनेक पीढियों (Generation) का सफर पूरा किया है। आज हम कंप्यूटर को एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जा सकते हैं। लेकिन कंप्यूटर के शुरूआती दौर में ऐसा नहीं था।
प्रथम कंप्यूटर ENIAC ( एनीएक) की बात करें तो यह बहुत ही वजनी और आकार में बहुत बड़ा था। इस कंप्यूटर की संग्रह क्षमता भी बहुत कम थी। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की जब कंप्यूटर की पहली पीढ़ी शुरू हुई तब कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए अनेक लोगों की आवश्यकता होती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। कंप्यूटर को आधुनिक युग तक पहुँचने के क्रम को पांच पीढ़ियों में वर्गीकृत किया गया है। यह पांच पीढियां इस तरह है –
- प्रथम पीढ़ी First Generation ( 1946 से 1956 तक )
- द्वितीय पीढ़ी Second Generation (1956 से 1964 तक )
- तृतीय पीढ़ी Third generation (1964 से 1971 तक )
- चौथी पीढ़ी fourth generation ( 1971 से 1985 तक )
- पांचवी पीढ़ी fifth generation ( 1985 से वर्तमान तक)
कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी (First Generation Of Computer)
कंप्यूटर की पहली पीढ़ी यानी प्रथम पीढ़ी में 1946 से 1956 तक के सभी कंप्यूटर लिए गये हैं। चूँकि पहला इलेक्ट्रोनिक कंप्यूटर 1946 में John Presper Eckert और John William Mauchly ने किया था। प्रथम इलेक्ट्रोनिक कंप्यूटर का नाम ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) था। इस कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया था। 1956 तक बने सभी कंप्यूटर में सबसे ज्यादा उपयोग वैक्यूम ट्यूब का होता था। इसी वजह से यह बहुत ज्यादा गर्म होते थे और इनके उपयोग में एयर कंडिशनर चलाना जरूरी होता था। यहाँ तक की इन कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए बहुत ज्यादा लोगों की आवश्यकता पड़ती थी। इन कंप्यूटर को एक जगह से दूसरी जगह लेजाना अंसभव था।
First Generation Computer के गुण
- इन कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता था।
- इनमे डाटा store रखने के लिए पंचकार्ड का उपयोग किया जाता था।
- यह एक जगह से दूसरी जगह लेजाना अंसभव था।
- मशीनी था असेंबली भाषा का उपयोग किया जाता था।
- इसे उपयोग करने के लिए एक नहीं अनेक एयर कंडिशनर का उपयोग करना पड़ता था।
- इसका परिणाम गलत भी हो सकते थे।
- बहुत ज्यादा बिजली खर्च करता था।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के नाम
- ENIAC
- EDVAC
- EDSAC
- UNIVAC
- MARK-1
कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी (Second Generation of Computer in Hindi)
1956 से 1964 के कंप्यूटर को कंप्यूटर की दूसरी (Second) Generation माना गया है। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम की जगह ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि 1947 में William Shokley ने ट्रांजिस्टर का अविष्कार किया था। इसकी वजह से दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आकर कम हुआ और इसे ऑपरेट करने के लिए सिर्फ दो लोगों की आवश्यकता थी। पहली पीढ़ी के मुकाबले दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का परिणाम सही होता था, इसमें गलती होने के चांस बहुत कम थे। उस समय तक कंप्यूटर का उपयोग सिर्फ कैलकुलेशन के लिए किया जाता था। दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा गर्म नहीं होते थे उन्हें बिना एयर कंडिशनर के उपयोग किया जा सकता था। लेकिन इन्हें एक स्थान से दुसरे स्थान लेजाना अभी भी मुश्किल काम था। इनमे Fortran, Cobol, Algol और Sanobal भाषा का उपयोग किया गया था।
द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के गुण
- इनमे ट्रांजिस्टर का उपयोग होने से इनका आकर कम हो गया था।
- इन्हें ऑपरेट करने के लिए कम से कम दो लोगों की आवश्यकता थी।
- यह पहली पीढ़ी के मुकाबले तेज थे, इनके परिणाम सही थे।
- इसमें डाटा store करने के लिए मैग्नेटिक टैप और disk का उपयोग होता है।
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर गर्म कम होते थे, इनके लिए एयर कंडिशनर की आवश्यकता बहुत कम होती थी।
- यह पहली पीढ़ी के मुकाबले ज्यादा उपयोग में लिए जाने वाले कंप्यूटर थे।
द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम
- IBAM 7094
- UNIVAC 1108
- Honeywell 400
- CDC 1604
- CDC 3600
तृतीय पीढ़ी के कंप्यटर के बारें में – (Third generation Of Computer In Hindi)
1964 से 1971 तक के कंप्यूटर को कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी माना गया है। यह पहली और दूसरी पीढ़ी के मुकाबले सबसे ज्यादा विकसित कंप्यूटर थे। इसमें ट्रांजिस्टर की जगह IC (इंट्रीगेटर सर्किट) का इस्तेमाल होता था। कंप्यूटर के विकास में IC का अहम रोल साबित हुआ। IC कंप्यूटर की दुनिया में एक अलग ही क्रांति लेकर आया था। IC का अविष्कार 1958 में Jack Kilby ने किया था। इसकी मदद से यह कंप्यूटर काफी हल्के और काफी छोटे हो गये थे। इनके परिणाम में गलती होने के चांस पहली और दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर से कहीं ज्यादा कम थे।
तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के गुण
- इनमे IC का उपयोग मुख्यत: किया गया था।
- यह आकर में छोटे हो गये थे।
- इन्हें ऑपरेट करना आसान हो गया था।
- इनमे ForTran जैसी High Level की भाषा का उपयोग किया गया था।
- यह पहली और दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के मुकाबले अधिक तेज और रखरखाव में आसान थे।
- इनके एक स्थान से दुसरे स्थान पर लेजाना कुछ हद तक आसान था।
- इनमे हिटिंग की प्रॉब्लम बहुत कम थी।
तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर के नाम
- PDP 1
- PDP 5
- PDP 8
- ICL 1900
- ICL 2903
- UNIVAC 1108
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के बारें में – (Fourth Generation Of Computer In Hindi)
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी 1971 से 1985 तक थी, इस पीढ़ी में कंप्यूटर की दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव हुआ। इन पीढ़ी के कंप्यूटर में सबसे पहले माउस का उपयोग होना शुरू हुआ। इसमें IC की जगह VLSI (Very Large Scale Integrated ) यानि ‘Microprocessor’ का उपयोग शुरू हुआ। इसकी मदद से 3000 से भी ज्यादा प्रोग्राम को शुरू करने में मदद मिली।
यह कंप्यूटर C, C++, Java और Visual Basic भाषा पर काम करते थे, यह अंकगणितीय के साथ-साथ अन्य लोजिकल कार्य करने में भी सफल हुए। इन कंप्यूटर को ही आगे जाकर PC यानि पर्सनल कंप्यूटर का नाम दिया गया। यह कंप्यूटर आकर में बहुत छोटे और एक टेबल पर रखकर इनसे काम किया जाता था। कंप्यूटर की दुनिया में चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर ने पुरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई और लोगों को कंप्यूटर के अनेक कार्यों से अवगत करवाया।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के गुण
- यह कंप्यूटर बहुत कम गर्म होते थे।
- इनमे Microprocessor का उपयोग होता था।
- यह Multi task करने में सफल हुए।
- इन कंप्यूटर को ऑपरेट करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया था।
- इन कंप्यूटर को वजन में हल्का और बहुत ही कम साइज़ में बनाया गया था।
- यह कंप्यूटर सस्ते और ज्यादा उपयोगी साबित हुए।
- इनमे कैलकुलेशन के अलावा अनेक कार्य भी संभव हुए।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम
- IBAM 4341 ( IBAM कंपनी द्वारा लॉन्च किया गया पहला कंप्यूटर जो माइक्रोचिप पर आधारित था)
- DEC 10
- STAR 1000
- ZX – Spectrum
- Macintosh
- Cray – 1 ( यह सुपर कंप्यूटर कहलाते हैं)
- Cray – 2 ( यह भी सुपर कंप्यटर की लिस्ट में शामिल है )
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी – (Fifth Generation Of Computer In Hindi)
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी का युग आज भी जारी है यानि 1985 के बाद आज तक पांचवी पीढ़ी है। आज कंप्यूटर कितने अडवांस है यह आप देख सकते हैं। आज के युग में AI का इम्पोर्टेंस दी जारी है AI यानि Artificial Intelligence का उपयोग करके सुपर से भी उपर कंप्यूटर बनाने का प्रयास जारी है। आज अनेक तरह की AI के इस्तेमाल से कंप्यूटर का विकास हो रहा है। यह पहले से ऑपरेट करने में भी आसान है और बहुत ही कम समय में बहुत ज्यादा कार्य करने में सफल है।
इन Computers में VLSIC के स्थान पर ULSIC (Ultra Large scale integrated circuit) का उपयोग किया जाता है। इसकी वजह से Microprocessor और उनकी क्षमता में काफी बढौत्तरी हुई है। इन कंप्यूटर में Windows 95, C++, Visual Basic और Java का उपयोग किया गया है। यही वजह है की इनका उपयोग अब Accounting, researching और Defense इत्यादि के लिए किया जाता है। आज कंप्यूटर का उपयोग हर क्षेत्र में होता है और इनका उपयोग अपनी जरूरत के अनुसार बदल रहा है।
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के गुण
- यह कंप्यूटर साइज़ में बहुत छोटे होते है।
- इनकी संग्रहण क्षमता बहुत अधिक है।
- यह कंप्यूटर बहुत कम हिटिंग करते है, यही वजह है की इनपर लगातर कार्य किया जा सकता है।
- यह मल्टीमीडिया क्षेत्र में बहुत उपयोगी है।
- इनमे AI का उपयोग करने से यह स्वंय अपना कार्य करने में समर्थ है।
- इस पीढ़ी का सुपर कंप्यूटर PARAM विश्वभर को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है।
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का नाम
- Desktop
- Laptop
- Palmtop
- Notebook
- Ultra book
- Chromebook
- PARAM
Also Read:
- कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है – Full Form of Computer in Hindi
- Computer Fundamental in Hindi
- What is Operating System In Hindi – ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है
निष्कर्ष
यहाँ हमें Generation Of Computer In Hindi में बताया है, कंप्यूटर का विकास लगातार बढ़ता जा रहा है, इनमे AI तकनीक से सेल्फ कंट्रोल सिस्टम बढ़ता जा रहा है। एक समय था जब एक कंप्यूटर के लिए एक कमरे जितनी जगह चाहिए थी और आज पॉकेट कंप्यूटर भी मौजूद है। कंप्यूटर का साइज़ जितना छोटा होता गया है उतना ही कंप्यूटर शक्तिशाली होता आया है। आने वाले समय में कंप्यूटर अपने आप दिशा निर्देश क्रिएट करेंगे और उन्ही पर कार्य करेंगे। यानि कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए मनुष्यों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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